गुलाब किताबों मे दबा ग़ुलाब मिला उनकी यादों का ख़्वाब मिला! हाँ, अरसे बाद उम्र में शबाब घुला बरसों बाद प्यार का हिसाब मिला! आज, कुछ सवालों का जवाब मिला हमसे बिछड़कर उन्हें खिताब मिला! उनकी बुलंदियों को जानकर, मेरे अंधेरों को आफताब मिला! उनसे रु ब रु होकर कुछ, लफ्ज़ो को मानो महताब मिला! मेरे ख्यालों का हबाब धुला जब, उनका फिर अदब से आदाब मिला! हबब- बुलबुला महताब- चाँद की रोशनी आफताब- सूर्य शबाब- जवानी