वक्त को तसल्ली है तभी बदलता नहीं अपनी चाल कभी ऐ जिन्दगी तुझे क्या जल्दी है जो फिरती है तू बेचैन इतनी पारुल शर्मा वक्त को तसल्ली है तभी बदलता नहीं अपनी चाल कभी ऐ जिन्दगी तुझे क्या जल्दी है जो फिरती है तू बेचैन इतनी पारुल शर्मा