मैं देखता हूँ अक्सर! पार्क, सिनेमाघरों, चौराहों पर बाजारों और सागर के किनारों पर प्रेम को दिखाते हुए लोग, हाथ में हाथ डाले आलिंगनबद्ध लोग, समाज को दरकिनार किये हुए, शर्मो-हया बेचते हुए लोग..💆👮 क्या प्रेम सिर्फ प्रदर्शन है? या किसी के बाहों में खुलेआम घूमना ये सब नई उम्र का आकर्षण है??💂 प्यार कोई गुनाह नही है मगर, कुछ नई पीढ़ी के उन्मुक्त वाहक इसे सिर्फ जमाने का फैशन समझते हैं। रिश्तों को तोड़ते-बिखेरते हुए, शर्मो-हया बेचते हुए लोग..😈👿 प्रेम वासना नही पूजा है🙏🙏 दो जिस्मों नही रूहों का मेल है, प्यार सब करें दुनिया में ये मशविरा है, प्यार बिन जिंदगी में सब अधूरा है।😃 प्यार जो जमाने के बंधनों से परे हो, मगर प्यार को प्रदर्शन से मुक्त रखें, रिश्तों को बचायें! और प्यार करें.. मैं, हम, तुम और तमाम लोग।😍😎😋 -✍️ अभिषेक यादव #dramatic_love