सभी को मयस्सर नहीं ज़िन्दगी होती ना मिलता सभी को चैन-ओ-आराम बहाना ज़रूरी है बेहद कतरा लहू का गर पाना है किसी को यहाँ एहतराम!! उठता वही है जो सम्भलता है गिरकर जो रखता है हार के भी हौंसले तमाम झुकती है दुनिया फिर सजदे में उसके होता उसी को फिर मुक्कमल जहान!! एहतराम : आदर, इज़्ज़त मुक्कमल : मिलना, पूरा होना सभी को मयस्सर नहीं ज़िन्दगी... #मयस्सर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अनकहेअल्फ़ाज़ #जिंदगीकासफर #किस्सेज़िदगीके