बहुत टूट सा गया हूं बहुत थक सा गया हूं गोद जो सुकून देती थी गुम हो गई है। थपकी जो आस देती थी धुंधली स्मृति हो गई है। दूर होकर सुकून था अब वीरान जिंदगी है। आंचल में सुकून था अब उथल पुथल है। #आंचल