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ऐ जिंदगी मुझे मेरे खुशियों का ठिकाना तो बता दे..

ऐ जिंदगी मुझे मेरे खुशियों का 
ठिकाना तो बता दे..
कबसे बेजान पड़ी हूं उसकी आस में,
कोई सहारा भी नहीं मेरा इस जहां में,
कमबख्त उसका पता नहीं बता सकते तो
उसको ही मेरे घर का पता दे..
रूबरू कर उसे मेरे बेताब ख्यालों से
मेरी हालत क्या है उसके बगैर
कुछ उसे भी तो पता चले..

©Kalpana Srivastava #खुशियों
ऐ जिंदगी मुझे मेरे खुशियों का 
ठिकाना तो बता दे..
कबसे बेजान पड़ी हूं उसकी आस में,
कोई सहारा भी नहीं मेरा इस जहां में,
कमबख्त उसका पता नहीं बता सकते तो
उसको ही मेरे घर का पता दे..
रूबरू कर उसे मेरे बेताब ख्यालों से
मेरी हालत क्या है उसके बगैर
कुछ उसे भी तो पता चले..

©Kalpana Srivastava #खुशियों