सम्हालना और खुद को सम्हालना नशा औरो में नही खुद में होती है ये जो तुम करते हो न ये सब की अपनी कुछ पल की ख़ुशी और जीवन के गहरे दर्द होते है जो शुरु में समझ नहीं आते जिसकी लत जीवन बर्बाद कर जाते।