#DearZindagi मेरी तन्हाइयों ने ओढ़ रखी है चादर उदासी की रातों के रतजगे रौशन हुए. चांदनियों के हाथों से पीकर जाम मोहब्बत के, शब भर सजा रहा सेहरा तेरा रात भर बरसती रही शबनम फूलों पर भंवरों का पहरा रहा रात ढ़लने लगी ख़रामा ख़रामा ख्वाब आँखों में करवट बदलते रहे ना जाने कितने अफसाने रात भर सपनों में ढ़लते रहे. एक अहसास