"ये जिंदगी तु इतनी मतलबी क्यूँ हैं कभी झुक जाया कर अपनों के आगे, तुझे इतना भी नहीं पता कि तू एक दिन मिट जाएगा, फिर किस बात की बैर हैं, जरा देख उन खुले आसमानों को जहाँ पक्षियां प्रेम की राग सजा रहे हैं, जरा देख उन बहती नदियों को जो सागर में झर-झर के गीत गा रहे हैं, फिर तू क्यूँ मौन हैं तू भी तो प्रेम का ही राग हैं, जरा अपने प्रेम की धुन बजादे और प्रेम की सरगम सजादे, फिर ये जिंदगी इस रैन बसेरे जीवन में तुझे किस बात की घमंड़ हैं जब तुझे और मुझे भी जाना खाली हाथ और खाली संग हैं।।" ✍🏻✍🏻शोभाराम (राम) पटेल✍🏻✍🏻 "ये जिंदगी तु इतनी मतलबी क्यूँ हैं कभी झुक जाया कर अपनों के आगे, तुझे इतना भी नहीं पता कि तू एक दिन मिट जाएगा, फिर किस बात की बैर हैं, जरा देख उन खुले आसमानों को जहाँ पक्षियां प्रेम की राग सजा रहे हैं, जरा देख उन बहती नदियों को जो सागर में झर-झर के गीत गा रहे हैं, फिर तू क्यूँ मौन हैं तू भी तो प्रेम का ही राग हैं, जरा अपने प्रेम की धुन बजादे और प्रेम की सरगम सजादे, फिर ये जिंदगी इस रैन बसेरे जीवन में तुझे किस बात की घमंड़ हैं जब तुझे और मुझे भी जाना खाली हाथ और खाली संग हैं।।" ✍✍शोभाराम (राम) पटेल✍✍ #Darknight