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rampatel8705
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kavi Shobharam Patel

अनपढ़- गंवार नहीं हैं साहब/ साहिबा! हिंदी उतनी ही पसंद है जितनी अपनी मां, इसलिए India नहीं हिन्दुस्तान कहता हूं🙏🙏 समझ-समझ का फेर हैं साहब! नही तो हेर हैं, समझो तो रास्ता नहीं तो दरिया लेकिन दोनों का मार्ग एक हैं🙏🙏

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kavi Shobharam Patel

ram lala ayodhya mandir "राम राज्य की संकल्पना ले कर चले, मातृभूमि और धर्म भुमि की धरा को राममय करने चले, जग बिन्दु हर-हर बिन्दु भारत भुमि अभिभूत सिंधु, भेद- अभेद-अधुत न रहे कोई जन-जन जीवन को सकार करने चले, राममय भारत भुमि को करने चले"🙏🏻

🙏🏻🕉️🕉️ जय श्री सीताराम🚩🚩🙏🏻

©kavi Shobharam Patel
  #ramlalaayodhyamandir
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kavi Shobharam Patel

"बेवज़ा वफ़ा कैसे कह दूँ, और जिन्दगी से दफा भी कैसे कर दूँ, ये मेरे जीवन का जो प्रेम किस्सा हैं इसमें हिस्सा भी तो तुम्हारा हैं......!"

     ❣️प्रेम❣️

✍️कवि-शोभाराम पटेल✍️

©kavi Shobharam Patel #lalishq
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kavi Shobharam Patel

"जीवन में हम अपने कर्मों के अधार पर यश-अपयश का भागीदार बनते हैं, किन्तु समय कभी ऐसा भी आता हैं कि, हमारा सत्य निष्ठा से किया हुआ कार्य भी हमें अवहेलना और अपयश का भागीदार बना देता हैं, ये सब हमारे जीवन के बाहरी आवरण हैं इसे में अन्यथा न लेते हुए अपने जीवन के सत्कर्मों को निष्ठा पूर्वक करते रहना चाहिए, क्योंकि सत्य निराकार हैं उसका कोई अकार नहीं सही समय आने पर हमे सत्य का अभास हो ही जाता हैं, किंतु अपयश तो जीवन का अग्रिम हिस्सा हैं जो विपक्ष के द्वारा रचा जाता है, अगर हम अपयश को मन में न रखे और अपने कार्य पर अडिग रहे तो यही अपयश एक दिन हमें यश का भागीदार बनायेंगे, क्योंकि अपयश के बिना हमें यश की प्राप्ती नहीं होगी, इसलिए हमें अपने पथ पर निस्वार्थ भाव से चलते रहना चाहिए, यश-अपयश का लालसा न रखते हुए, और यही मानव का एक मात्र उद्देश्य होना चाहिए, यही हमारे जीवन की सबसे बड़ी सिद्धी हैं।।"

सुप्रभात भारत शुभ विचार के साथ🙏🏻

✍🏻✍🏻 कवि-शोभाराम पटेल✍️✍️

©kavi Shobharam Patel
  #navratri
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kavi Shobharam Patel

"जीवन में ज्ञान का होना अतिआवश्यक हैं, पर ज्ञान का अनुभव होना परम् आवश्यक हैं"

✍🏻✍🏻 कवि- शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel #yogaday
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kavi Shobharam Patel

'प्रेम की सार्थकता प्रबल है अगर हम अपने जीवन को इसके अनुकूल बनाएं तो पाएंगे की हमारे जीवन कि शाखाएँ पूरी तरह से शुन्य हैं, और हम अपने जीवन को एक नये अयाम देने की कोशिश करेंगे जो जीवन और प्रेम के लिए उपयोगी हो, और यही परिवर्तन प्रेम रूपी जीवन के लिए अविष्कारक सिद्ध होगी, क्योंकि प्रेम की अपनी एक प्रज्ञा होती हैं जो प्रबल हैं"

✍🏻✍🏻 कवि-शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel #KhulaAasman
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kavi Shobharam Patel

'प्रेम की सार्थकता प्रबल है अगर हम अपने जीवन को इसके अनुकूल बनाएं तो पाएंगे की हमारे जीवन कि शाखाएँ पूरी तरह से शुन्य हैं, और हम अपने जीवन को एक नये अयाम देने की कोशिश करेंगे जो जीवन और प्रेम के लिए उपयोगी हो, और यही परिवर्तन प्रेम रूपी जीवन के लिए अविष्कारक सिद्ध होगी, क्योंकि प्रेम की अपनी एक प्रज्ञा होती हैं जो प्रबल हैं"

✍🏻✍🏻 कवि-शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel
  #KhulaAasman
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kavi Shobharam Patel

'हम जीवन के भौतिक सुखों  में ही सिमटे हुए हैं, हमने भौतिकता से बढ़कर अपने जीवन को कभी आगे बढ़ने ही नहीं दिया, हमने बस भौतिक मुल्यों को ही आवश्यक समझा और भौतिकता का ही अविष्कार किया, हमें जीवन में भौतिक सुख तो प्राप्त हो गए, किन्तु हमनें कभी अपने अतंर चक्षु की ध्वनि की प्रलाप को कभी समझा नही और छड़िक पल के सुखों को ही मुलाधिकार मानकर अपने अमुल्य जीवन को यही नष्ट कर लिया, हमने तथ्य और सत्य की कभी वृतांत नहीं की और एकांत मय इस जीवन की सरांशो से वंचित होकर अपने ही जीवन में उलझे रहे कभी भी इस जीवन की व्याख्या को समझ न सकें"

     ✍🏻✍🏻कवि- शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel #Walk
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kavi Shobharam Patel

'प्राप्त और पर्याप्त में अतंर बस इतना सा हैं, जो हमें प्राप्त है उसे हम पर्याप्त नहीं समझते, और दुसरे के चीजों को प्राप्त करना चाहते है, ये मानव जीवन की सबसे बड़ी भुल हैं जिसने पर्याप्त होते हुए भी प्राप्त कर न सका, और प्राप्त को पर्याप्त करना चाहता हैं"

     ✍🏻✍🏻 कवि- शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel #snowfall
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kavi Shobharam Patel

'किसी को अपना विचार थोपना कदापि सत्य नहीं हैं, जीवन आपका हैं आपके अनुकूल हैं, आप अपने जीवन को किस  तरह से स्थापित करना चाहते हैं बिल्कुल कर सकते है, निर्भर आप पर हैं, हाँ अगर आपको अनुभव कही परामर्श के रूप में मिलता हैं तो उसको स्वीकार अवश्य कीजिये, क्योंकि अनुभव जीवन की कठिनाईयों का मार्गदर्शन कराता हैं, अनुभव एक सच्चा मित्र हैं और मित्र विकट परिस्थितियों में सहायता अवश्य करता हैं"

  ✍🏻✍🏻 कवि- शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel #roshni
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kavi Shobharam Patel

"गुमनाम हुं उन अंधेरों में जिन अंधेरों में, मैं कभी रोशनी बनकर चमकता था, आज मैं स्वयं को ढूढ़ता हूँ उस राह में जिस राह में मैं कभी लहरों सा बहता था, कौन हूँ मैं? ये आज मैं स्वयं से पूछता हूँ, अपनी पहचान खो के आज मैं स्वयं को ढूढता और स्वयं को पूछता हूँ"

              "जिन्दगी"

          ✍🏻✍🏻 शोभाराम पटेल✍🏻✍🏻

©kavi Shobharam Patel
  #akelapan
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