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इश्क की तौहीन सरे-आम करती है नज़रे उसकी कत्ल-ए-आम

इश्क की तौहीन सरे-आम करती है
नज़रे उसकी कत्ल-ए-आम करती है
जब भी वो श्रृंगार करती है
गुलाबों की खूबसूरती को बदनाम करती है 
और एक अमृत है उसके हुस्न में
हर कोई उसे पाकर अमर होना चाहता है

©Sudhanshu gautam #Beautiful #khubsurat #Women
इश्क की तौहीन सरे-आम करती है
नज़रे उसकी कत्ल-ए-आम करती है
जब भी वो श्रृंगार करती है
गुलाबों की खूबसूरती को बदनाम करती है 
और एक अमृत है उसके हुस्न में
हर कोई उसे पाकर अमर होना चाहता है

©Sudhanshu gautam #Beautiful #khubsurat #Women