ऐ हमसफ़र कभी फ़ुरसत मिले तो बताना जरुर की उन सफ़र पर जहाँ कभी मेरा हाथ थाम चलें थे तुम क्या उन्हीं राहों पर रक़ीब का हाथ थाम लेते हो तुम उन बगीचों में जहाँ मैंने चुपके से छुपा लिया था तुम्हें क्या वो भी धूपसे बचाने को अपनी झुल्फ़े खोल देती हैं कभी फुर्सत हो तो ये उलझने आकर सुलझाना जरूर #yqdidi #yqhindi #yqbaba #उलझन #फुर्सत #रक़ीब #हमसफ़र