अब प्रखर के होंठ भी खामोश हैं । यार के दामन मे बैठें मीत है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अब प्रखर के होंठ भी खामोश हैं । यार के दामन मे बैठें मीत है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर #al