कैसा समां रहा होगा, जब तिरंगा पहली बार, स्वतंत्र आसमान में लहराया होगा? अरे हर एक भारतवासी के, आंखें नम होगी और होंठो पर मुस्कान छाया होगा, पूरा बदन सिसक सा गया होगा, रोम रोम हवा में लहराया होगा, जब होठों से जन गण मन निकली होगी, भारत का कण-कण खुद को सौभाग्यशाली पाया होगा, जल,अग्नि,वायु,धरा और आसमां भी खुद को, वीरों की शहादत पर झुकाया होगा, और देख तिरंगे को लहराते हुए, स्वतंत्र आसमान में फहराते हुए, हर एक भारतवासी ने फिर से कसमें खाई होगी, इस तिरंगे को ना झुकने देंगे, इसे कभी ना मिटने देंगे, कटा लेंगे खुद का सर मगर, इस तिरंगे की आन-बान-शान में, कोई कमी ना आने देंगे, इसी कसमे को बढ़ाते हुए, अपना फर्ज निभाते हुए, इस बार फिर से तिरंगा फहराएंगे, आजादी के 75 वर्ष होने पर, इस बार हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे, हर घर तिरंगा फहराएंगे घर-घर तिरंगा फहराएंगे।। #azadikaamritmahatsav #independenceday #patriotic #poem #love