अब रातों में गर्मी के लिये किसी का साथ नहीं चाहिए इस ठंड में सिर्फ हम बिस्तर हो वो जिस्म नहीं चाहिए समझ सके जो हालात जिंदगी में उलझनों की राह कैसी भी हो वो बातें ना करें छोड जाने की हमराही बनें हर मोड पर बने हमराज हरपल जिस्म से नहीं वो रूह से जुडा रहे हरपल #रूहानी