रचना दिनांक,,13,,,,3,,,2024 वार बुधवार समय,, दोपहर तीन बजे ्््निज विचार ््् ््््छाया चित्र में भावचित्र शीर्षक है फोटू खिंचते चले सूरज में दो हाथों की हथेलियों में सूरज किरणों में देखती है नज़र है ््् ्््््् राज करत अंगार लिखेगा दिल में राज करत है ,, कि हर शख्स शब्दशिल्पी़ और वह कला विधिका में कलाकार साहित्य सृजन में कर्मपथ पर ख्यालात ही पहचान है।। पहाड़ों पर चढ गया जिसे मैं याद आ गया,, वो लफ्जो की संन्जीदगी में वो दिलों से सवाल मैं तन्हां दिलों से प्रेम की दस्तक धड़कनों में दे रहा हूं।। देख रही है प्रेम शब्द की ये बिंदास तस्वीरें चित्र बहुत ही सुन्दर है,, तबला वादन में सूर ज्ञान इंगला पिंगला सुष्मणा जपा अजपा सांज सांजिन्दे सूरराग छैडे संगीत नाद में अल्हाद की तान दे।। रंग बिरंगे बदलते परिवेश में रंगा हुआ है,, रंगमंच पर अपने ख्याल राग भजन में।। देश काल परिस्थिति जन्य धर्म कर्म अर्थ काम मोक्ष,, कारक साधना तपस्या करने वाले लोग ऐसे संगीत सुनाते हुए।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद 13,,,,मार्च,,,,2024 अच्छे ख्यालात मन कहता है तुम अपने विचार रखे ©Shailendra Anand #Affection