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जीवन की सच्चाई क्या है ? एक विचार सब कुछ हमारी

जीवन की सच्चाई क्या है ? एक विचार

  सब कुछ हमारी आत्म संतुष्टि पर निर्भर करता है। 
प्रत्येक व्यक्ति इस सवाल का जवाब जानना चाहेगा,
 बल्कि मैं भी। मानव सभ्यता के शुरुआती समय से ही 
जीवन को कई तरीकों से समझने का प्रयास किया 
जाता रहा है, साथ ही महान लोगों द्वारा बताया........ 
pleas Read in Caption जीवन की सच्चाई की बात करें, तो बहुत से मत और उच्च विचार से युक्त वाक्य हैं, जो हमें जीवन के सच से परिचित कराते हैं। यदि हम जीवन के सच से परिचित हो गए, तो हमारी खोज खत्म हो जाएगी।


सब कुछ हमारी आत्म संतुष्टि पर निर्भर करता है। प्रत्येक व्यक्ति इस सवाल का जवाब जानना चाहेगा, बल्कि मैं भी। मानव सभ्यता के शुरुआती समय से ही जीवन को कई तरीकों से समझने का प्रयास किया जाता रहा है, साथ ही महान लोगों द्वारा बताया और समझाया भी गया, लेकिन इस सृष्टि में जीवन को आज भी 100% तक परिभाषित करना, शायद ही संभव हो पाया हो, क्योंकि सभी जीवों और प्राणियों के लिए उनका जीवन अलग अलग मायने रखता है। प्रत्येक जीव के लिए जीवन का अर्थ, उद्देश्य, मार्ग, और तरीका भिन्न है।


इस ब्रम्हांड में प्रत्येक वस्तु जिसमें अस्थिरता हो अर्थात जो जड़ न हो और स्वतः गतिशीलता हो यानी हलचल हो, समझलो उसमें जीवन है। अब ये क्यों है ? इसके पीछे क्या कारण है? इसको बताना किसी इंसान के बस में नहीं है। बस ये समझिए कि उस जीवन में एक अदृश्य ऊर्जा का समावेश है। जब तक ऊर्जा विद्यमान है, तब तक सजीव है और उसके जाने के बाद निर्जीव।
जीवन की सच्चाई क्या है ? एक विचार

  सब कुछ हमारी आत्म संतुष्टि पर निर्भर करता है। 
प्रत्येक व्यक्ति इस सवाल का जवाब जानना चाहेगा,
 बल्कि मैं भी। मानव सभ्यता के शुरुआती समय से ही 
जीवन को कई तरीकों से समझने का प्रयास किया 
जाता रहा है, साथ ही महान लोगों द्वारा बताया........ 
pleas Read in Caption जीवन की सच्चाई की बात करें, तो बहुत से मत और उच्च विचार से युक्त वाक्य हैं, जो हमें जीवन के सच से परिचित कराते हैं। यदि हम जीवन के सच से परिचित हो गए, तो हमारी खोज खत्म हो जाएगी।


सब कुछ हमारी आत्म संतुष्टि पर निर्भर करता है। प्रत्येक व्यक्ति इस सवाल का जवाब जानना चाहेगा, बल्कि मैं भी। मानव सभ्यता के शुरुआती समय से ही जीवन को कई तरीकों से समझने का प्रयास किया जाता रहा है, साथ ही महान लोगों द्वारा बताया और समझाया भी गया, लेकिन इस सृष्टि में जीवन को आज भी 100% तक परिभाषित करना, शायद ही संभव हो पाया हो, क्योंकि सभी जीवों और प्राणियों के लिए उनका जीवन अलग अलग मायने रखता है। प्रत्येक जीव के लिए जीवन का अर्थ, उद्देश्य, मार्ग, और तरीका भिन्न है।


इस ब्रम्हांड में प्रत्येक वस्तु जिसमें अस्थिरता हो अर्थात जो जड़ न हो और स्वतः गतिशीलता हो यानी हलचल हो, समझलो उसमें जीवन है। अब ये क्यों है ? इसके पीछे क्या कारण है? इसको बताना किसी इंसान के बस में नहीं है। बस ये समझिए कि उस जीवन में एक अदृश्य ऊर्जा का समावेश है। जब तक ऊर्जा विद्यमान है, तब तक सजीव है और उसके जाने के बाद निर्जीव।
aloksharma5679

ALOK Sharma

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