तेरी गुस्ताख़ नज़रें मेरे दिल को चुरा लेती हैं तेरा है अफ़सूँ ये मुझे शायर बना देती हैं तेरी है तलब मुझे इस जहाँ में और कुछ नहीं मैं ख़ाक-नशीं हूँ मेरा दिल भी मचला देती हैं बाहों में तेरी आने को तड़पा हूँ मैं मुद्दतों से निकहत ये तेरी मुझे तेरा दीवाना बना देती है सुर्ख़ लब तेरे क़यामत हैं, क्या अंदाज़ा है तुझे छुअन तेरी मुझ ख़ार को गुलाब बना देती है तड़प रहा है 'सफऱ' तुझसे मुलाक़ात के लिए एक तू ही है जो ज़िन्दगी को चहका देती है अफ़सूँ - जादू, magic ख़ाक-नशीं- फ़क़ीर निकहत- महक ख़ार- कांता ♥️ Challenge-579 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)