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ना नफरत के शहर से ताल्लुख रखता हूं, ना रखता

ना नफरत  के  शहर से   ताल्लुख  रखता हूं,
ना रखता  हूं ताल्लुख  खुशियों   के  मेले से।

कोई कर्ज  चुका सके  किसी  की मिटे भूख,
ना     होंगे   बलात्कार,  ना   हत्या,  लूट।

सीमा पे  निर्भय  जवान हो  खेतों में  किसान,
फिर तुम चलना मेले में हम भी चलेंगे मेले में।।

शिव कुशवाहा बेगाना
19/12/2021
10:45Pm

©Shiv Kushwaha begana #Sonbhadra
ना नफरत  के  शहर से   ताल्लुख  रखता हूं,
ना रखता  हूं ताल्लुख  खुशियों   के  मेले से।

कोई कर्ज  चुका सके  किसी  की मिटे भूख,
ना     होंगे   बलात्कार,  ना   हत्या,  लूट।

सीमा पे  निर्भय  जवान हो  खेतों में  किसान,
फिर तुम चलना मेले में हम भी चलेंगे मेले में।।

शिव कुशवाहा बेगाना
19/12/2021
10:45Pm

©Shiv Kushwaha begana #Sonbhadra