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दिन था हर्षोल्लास का बैसाखी थी आयी अंग्रेजों के जु

दिन था हर्षोल्लास का बैसाखी थी आयी
अंग्रेजों के जुल्म के विरोध मे सभा थी बुलायी
कोई हथियार नही था सिर्फ हिम्मत थी साथ आयी
फिर डॉयर क्यूं थी तूने वो गोलियां बरसायी ।।
दीवार पर गोलियों के निशां क्रूरता बयां कर गये
सौ बरस बाद भी हम तुझे नही माफ कर पाये
कितनो का सिंदूर उजडा कितने घर बिखर गये
जिसने सुना उसकी आँखों से आंसू छलक गये ।। #जलियांवाला_बाग_हत्याकांड #सौवां_वर्ष #नमन_शहीदों_को #श्रधांजलि #yqbaba #yqhindi #yqdidi
दिन था हर्षोल्लास का बैसाखी थी आयी
अंग्रेजों के जुल्म के विरोध मे सभा थी बुलायी
कोई हथियार नही था सिर्फ हिम्मत थी साथ आयी
फिर डॉयर क्यूं थी तूने वो गोलियां बरसायी ।।
दीवार पर गोलियों के निशां क्रूरता बयां कर गये
सौ बरस बाद भी हम तुझे नही माफ कर पाये
कितनो का सिंदूर उजडा कितने घर बिखर गये
जिसने सुना उसकी आँखों से आंसू छलक गये ।। #जलियांवाला_बाग_हत्याकांड #सौवां_वर्ष #नमन_शहीदों_को #श्रधांजलि #yqbaba #yqhindi #yqdidi