पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोई ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय कबीरा पंडित ©KAVI.SONU KADERA कबीर दास के दोहे आज याद करते हैं @#कबीर दास को