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स्वातंत्र्य वीर अमृत गाथा, नस नस में में आबाद रखूँ

स्वातंत्र्य वीर अमृत गाथा, नस नस में में आबाद रखूँ
 वैचारिक जड़ता खत्म करूं, मन को अपने आजाद रखूँ
 इस देश की शान ना गिरे कभी मेरे हो ऐसे कर्म सदा
 मैं जश्न मनाता रहूं मगर, कर्तव्यों को भी याद रखूँ

©अभय मिश्रा
  #कर्तव्य