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कि पता नहीं था मुझे किस्मत में क्या लिखा था, ना ते

कि पता नहीं था मुझे किस्मत में क्या लिखा था,
ना तेरा हाथ लिखा था  और ना ही तेरा साथ लिखा था।

मगर मैं फिर भी भटकता रहा तेरी तलाश में,
क्योंकि मैंने दिल की कलम से एक जज्बात लिखा था।

आंखों में देखा एक ख्वाब लिखा था,
चमकता हुआ एक मेहताब लिखा था।
                                                -------------आनन्द

©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी 
#Anand_Ghaziabadi 
#Tumranaamlikhatha
कि पता नहीं था मुझे किस्मत में क्या लिखा था,
ना तेरा हाथ लिखा था  और ना ही तेरा साथ लिखा था।

मगर मैं फिर भी भटकता रहा तेरी तलाश में,
क्योंकि मैंने दिल की कलम से एक जज्बात लिखा था।

आंखों में देखा एक ख्वाब लिखा था,
चमकता हुआ एक मेहताब लिखा था।
                                                -------------आनन्द

©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी 
#Anand_Ghaziabadi 
#Tumranaamlikhatha