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मैं जिस तरह टूटा था, रफू में किस बारिकी से ज़िन्दगी

मैं जिस तरह टूटा था, रफू में किस बारिकी से ज़िन्दगी, सुईधागे से निकलेगी,
देखना कोई जोड़ती बात रकीबों के दिल में सरीकी* से निकलेगी।

*हिस्सों की खातिर अलग हुए भाई।
मैं जिस तरह टूटा था, रफू में किस बारिकी से ज़िन्दगी, सुईधागे से निकलेगी,
देखना कोई जोड़ती बात रकीबों के दिल में सरीकी* से निकलेगी।

*हिस्सों की खातिर अलग हुए भाई।