जो ग़लती मान ले उसमें इंसानियत होती है, इंसान झुकना नहीं, होता है। जो ग़लती करने के वावजूद ग़लती नहीं माने, दोष वक्त पर, हालात पर डाले, तो समझना, इंसानियत दिखावा है बन्दा बहुत शातिर है। जहां ना वक्त, ना हालात, बन्दा का नियत दोषी है। जब नियत दोषी हो तो रिश्ता भी दोषी लोगों से चलता है। ©#suman singh rajpoot #GoldenHour