sk writes "वो लड़की" -Sunsakerapa कल देखा था उसको वही हंसी वही चेहरा ! बस फर्क था तो इतना सा अब उसपे हक ना रहा मेरा ! जब देखा उसको तो फिर से वही खयाल आया ! वह थी तारीफों की जान मैं तो सिर्फ कलम के हाथ आया ! बिन मोहब्बत के लिखना जाना था उसी से ! वह लड़की नहीं सब कुछ है मेरी कलम जो बोली मैं हूं उसी से ! पता नहीं मुझे कि मेरी मोहब्बत उससे कितनी गहरी है ! पर जिसकी बिना कल्पना किए लिख डालूं वो एक ऐसी शायरी है ! #NojotoQuote wo ladki कल देखा था उसको वही हंसी वही चेहरा ! बस फर्क था तो इतना सा अब उसपे हक ना रहा मेरा ! जब देखा उसको तो फिर से वही खयाल आया ! वह थी तारीफों की जान मैं तो सिर्फ कलम के हाथ आया !