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लिख देती हूँ अपनी यादों को कागज़ के पन्नों पर फिर

लिख देती हूँ अपनी यादों को कागज़ के पन्नों पर 
फिर उस की कश्ती बना बारिश में बहा देती हूँ मैं 

जो कुछ  छूट गया है समय के साथ
 ना वापिस मिलेगा वह 
यही सोच अपने आप को समझा लेती हूँ मैं

थोड़ी बीत गई ज्यादा बाकी है ज़िंदगी 
नई उमीदों और हर्षोल्सास से जी लेती हूँ मैं
©officialgeetshayar यादें और ज़िंदगी  #Alone#QandA
लिख देती हूँ अपनी यादों को कागज़ के पन्नों पर 
फिर उस की कश्ती बना बारिश में बहा देती हूँ मैं 

जो कुछ  छूट गया है समय के साथ
 ना वापिस मिलेगा वह 
यही सोच अपने आप को समझा लेती हूँ मैं

थोड़ी बीत गई ज्यादा बाकी है ज़िंदगी 
नई उमीदों और हर्षोल्सास से जी लेती हूँ मैं
©officialgeetshayar यादें और ज़िंदगी  #Alone#QandA