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दौड़ सकती थी इसलिए बाँधा गया सँभल कर चलने में वक़्त

दौड़ सकती थी इसलिए बाँधा गया
सँभल कर चलने में वक़्त आधा गया

रोना मंजूर नही किया मैंने कभी
इसलिए तो अपनों का काँधा गया #तल्ख#हकीकत
दौड़ सकती थी इसलिए बाँधा गया
सँभल कर चलने में वक़्त आधा गया

रोना मंजूर नही किया मैंने कभी
इसलिए तो अपनों का काँधा गया #तल्ख#हकीकत