लम्बोदर गजानन विनायक प्रथम पूजा के तुम अधिकारी हरते संकट सबके भारी हे अधिपति हे अधिनायक लम्बोदर गजानन विनायक।। हो तुम ही सिद्धि के दाता दीनों के तुम भाग्य विधाता पूजा तेरी शुभ फलदायक लम्बोदर गजानन विनायक।। शुभ कर्म की जब आए बारी सुमिरन करते नर और नारी देते वर तुम मंगलदायक लम्बोदर गजानन विनायक।। तुम विद्या और बुद्धि के भंडार बिन तेरे न चलता जग संसार हे उमासुत हे सुखदायक लम्बोदर गजानन विनायक।। तू ही सुधा रस ज्ञान बरसाए भटके को तू ही राह दिखाए भक्तों के तुम सदा सहायक लम्बोदर गजानन विनायक।। अमित अनुपम गणेश स्तुति