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"पंछी" ======! घर आजा लौटकर ए पंछी.. तेरा ही घोंस

"पंछी"
======!
घर आजा लौटकर ए पंछी.. 
तेरा ही घोंसला कर रहा 
तेरा इंतजार.... 
बहुत भटक लिया हैं तू
मेरे किए की सजा 
अपने-आप को मत दे.. 
देख तेरे घोंसले का परिंदा 
इधर-उधर भटक रहा हैं,,
कहीं ओर बनाने से नहीं 
बनता नया आशियाना... 
तेरी जड़ें तो रह गयी 
तुझ बीन अधूरी... 
देख तेरी माँ रोती हैं 
देख देख किसी ओर आशियानें को..
दिन दिन भर सोचती रहती हैं, 
क्या गुनाह कर दिया,, 
जो टूटा मेरा ही आशियाना... 
मत रूला अब... तू
आ भी जा अपने घोसला में 
छोटा हुआ तो क्या हुआ | 
अपना -अपना होता हैं... 
घर आजा पंछी लौटकर तू.. 
यूँ न तड़प-तड़पा.... 
गीता शर्मा प्रणय panchhi
"पंछी"
======!
घर आजा लौटकर ए पंछी.. 
तेरा ही घोंसला कर रहा 
तेरा इंतजार.... 
बहुत भटक लिया हैं तू
मेरे किए की सजा 
अपने-आप को मत दे.. 
देख तेरे घोंसले का परिंदा 
इधर-उधर भटक रहा हैं,,
कहीं ओर बनाने से नहीं 
बनता नया आशियाना... 
तेरी जड़ें तो रह गयी 
तुझ बीन अधूरी... 
देख तेरी माँ रोती हैं 
देख देख किसी ओर आशियानें को..
दिन दिन भर सोचती रहती हैं, 
क्या गुनाह कर दिया,, 
जो टूटा मेरा ही आशियाना... 
मत रूला अब... तू
आ भी जा अपने घोसला में 
छोटा हुआ तो क्या हुआ | 
अपना -अपना होता हैं... 
घर आजा पंछी लौटकर तू.. 
यूँ न तड़प-तड़पा.... 
गीता शर्मा प्रणय panchhi