#राधाष्टमी की सबको बधाई #राधा_तू_बड़_भागिनी आतुर चातुर दो नयन , दोनों अथक अधीर, मथुरा में राधा बिना,दिखे विरह सी पीर। प्रीत रीति की नीति तो,हरदम प्रिय उर वास - प्रीत सिंधु छलके कभी, कभी बरसता नीर।। दूर रही कितनी भले, फिर भी कृष्णा पास, ये हृद इक दूजे बसे,इक दूजे के खास। अमर अलौकिक प्रीत ये, अद्भुत राधे श्याम - नैन हृदय में ही नहीं, श्वास श्वास में वास।। राधिका तो बड़भागी। प्रीत में सबसे आगी। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal