- कुण्डलिया - नैतिकता का हो रहा, नेताओं में ह्रास। एक-दूसरे का सभी, उड़ा रहे उपहास।। उड़ा रहे उपहास, जंग चल रही ज़ुबानी। भाषण में भी याद, दिलाते रहते नानी।। दीन धर्म ईमान, यहाँ सब कुछ है बिकता। राजनीति में आज, रही कितनी नैतिकता।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #travelogue