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इश्क की जैसे कोई उम्दा पहल हो दर्द से लब

इश्क  की  जैसे  कोई  उम्दा  पहल  हो 
दर्द   से  लबरेज़ जैसे  एक   ग़ज़ल  हो  
जो गुज़रता ही नहीं तिल भर कभी भी
आँसुओं का  ज़िंदगी में  वो  दख़ल  हो.

©malay_28
  #इश्क