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White ### कहानी: दोस्ती का असली मतलब एक छोटे से ग

White ### कहानी: दोस्ती का असली मतलब

एक छोटे से गाँव में दो लड़के, राहुल और मोहन, रहते थे। दोनों की उम्र लगभग एक ही थी और वे बहुत अच्छे दोस्त थे। वे हर रोज़ एक साथ खेलते, पढ़ते और हँसी-मज़ाक करते थे।

एक दिन, गाँव के पास एक सर्कस आया। दोनों दोस्त बहुत उत्साहित थे और उन्होंने सर्कस देखने का फैसला किया। लेकिन सर्कस का टिकट बहुत महंगा था। राहुल ने अपने गुल्लक में से सारे पैसे निकाल लिए, लेकिन फिर भी उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। मोहन ने देखा कि राहुल उदास है और उसने अपनी सारी बचत निकाल कर राहुल को दे दी। इस तरह दोनों ने मिलकर सर्कस का आनंद लिया।

सर्कस के बाद, जब वे गाँव वापस लौट रहे थे, तो रास्ते में अचानक एक तेज़ बारिश शुरू हो गई। दोनों ने एक पेड़ के नीचे शरण ली, लेकिन बारिश इतनी तेज़ थी कि वे पूरी तरह से भीग गए। बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी, और दोनों को घर पहुँचने की चिंता सताने लगी।

तभी, राहुल ने अपनी जेब से एक छोटा सा प्लास्टिक का टार्प निकाला, जो उसने सर्कस से लौटते समय खरीदा था। उसने और मोहन ने मिलकर उस टार्प को ओढ़ लिया और धीरे-धीरे गाँव की ओर चल पड़े। वे पूरी तरह से भीग तो गए थे, लेकिन टार्प ने उन्हें कुछ हद तक सुरक्षित रखा।

राहुल ने कहा, "मोहन, आज हमने एक-दूसरे की मदद करके सिखा कि सच्ची दोस्ती का मतलब क्या होता है।"

मोहन ने मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ राहुल, दोस्ती का असली मतलब यही है कि जब हमें किसी की ज़रूरत होती है, तो हम बिना सोचे-समझे उनकी मदद करें।"

दोनों ने उस दिन सीखा कि सच्ची दोस्ती न केवल अच्छे समय में साथ देती है, बल्कि मुश्किल समय में भी हमें सहारा देती है। वे दोनों इस सीख को जीवन भर याद रखते हुए, एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े रहे।

### समाप्त

यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची दोस्ती का महत्व क्या है और कैसे एक सच्चा दोस्त हमेशा हमारी मदद के लिए तैयार रहता है।

©Pooja
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Pooja

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