आज वो अपने घर जा रहा है..
ख्वाहिशों और साजिशों की दस्तक लिए,
आज वो अपने दर जा रहा है..
आज वो सपनों के शहर का बाशिंदा नहीं,
आज वो किसी महजब के पहरो का करिंदा नहीं,
वो जो फिर से ना उड़ सके, वो परिंदा नहीं,
आज वो उस टूटे हुए आशियाने को जोड़ने बस उड़े जा रहा है..
तिनका - तिनका दर्दों से लिए, सिंजोए जा रहा है.. #Poetry#Love#Door#Home#Hindi#Mother#father#writer#bachpan#shabdanchal#Kalamse#BacktoHome