मिलता रहा शुभाशीष शब्दों की धार बनती रही, अवस्था के साथ रचनओं की रफ़्तार बढ़ती रही, मिली जो माँ शारदा की कृपा वर्षा अंतर रहित; तोड़कर अवरोध काव्य की पतवार पनपती रही! ©Anand Dadhich #thankyou #kaviananddadhich #poetananddadhich #ananddadhich #poetsofindia #eveningthoughts