अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अनकहे ही सही; ख़्वाब मेरी आँखों के; मुकम्मल न सही; सब कुछ अधूरा है; मग़र मेरा इश्क़, पूरा है ।। © "विशाल" #मेरा_इश्क़