"हमे तो अपनों ने ही लूटा गैरों में कहाँ दम था,
मेरी कश्ती थी डूबी वहां जहां पानी ही काम था" डुबोया है मुझे मिलकर कुछ मेरे ही अपनों ने पराया बनकर और जो मेरे अपने है वो मुझे डूबने नहीं देंगे वर्ना इस मतलब के कलयुगी ज़माने में मुँह में दही जमाकर बैठने से अच्छा यही होगा कि है की लड़े।अपने हक के लिए नहीं ना सही मगर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना और उन्हें बड़ा आदमी जो बनाना है और उन्हें अगर कल को कोई अपना सगा वाला ही उनका अपना हक छिन कर बैठा हुआ है तो फिर छोड़ो मत उसे भी क्योंकि ज़माना "मुँह में #ज़िन्दगी