शायरी ____________ ‘उन्नीस’ गुज़रा ही था कि, ‘बीस’ आ गया, ख़ुशी इतनी हुई कि, वो हल्ला-गुल्ला करने लगे। रात भर बैठे थे जो, चखना लिए माहौल में, अगली सुबह निशान मिटाने को, डगमगाते हुए उठ वो, ‘कुल्ला’ करने लगे। ____________ ~हेमंत राय। #नया #साल #शराब #nojoto #शायरी #writer