दो तरह क़े लोग हैँ दुनिया मे. एक वे जो अग्रसोची हैँ दुसरे वे जो पश्चाताप करने वाले हैँ. दोनों क़े मध्य मे खड़ा है वर्तमान का क्षण और उस क्षण मे होना ही जीवन की असली कला है वर्तमान मे होना ही धर्म है ©Parasram Arora # वर्तमान......