शायरी आज बिरान है वो दोसतान जहां कभी दोस्तों की महफिले हुआ करती थी। आज बिरान है वो धरती जहां लोगों की भीड़ के मेले हुआ करते है। आज सूनी है वो गलिया जहां लोगों की आवाज़ का शोर गूजां करता था। Meenakshi Sharma बिरान