"उलझनों और कश्मकश में... उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ। ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए... मैं दो चाल लिए बैठा हूँ | लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का। मिलेगी कामयाबी, हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l चल मान लिया, दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक़। गिरेबान में अपने, ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ l ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हे मुबारक। मुझे क्या फ़िक्र, मैं कश्तीया और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ।" #haunsla