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"उलझनों और कश्मकश में... उम्मीद की ढाल लिए बैठा हू

"उलझनों और कश्मकश में...
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ।
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए...
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |

लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का। 
मिलेगी कामयाबी, हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l
चल मान लिया, दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक़। 
गिरेबान में अपने, ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ l

ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हे मुबारक।
मुझे क्या फ़िक्र, मैं कश्तीया और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ।" #haunsla
"उलझनों और कश्मकश में...
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ।
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए...
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |

लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का। 
मिलेगी कामयाबी, हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l
चल मान लिया, दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक़। 
गिरेबान में अपने, ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ l

ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हे मुबारक।
मुझे क्या फ़िक्र, मैं कश्तीया और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ।" #haunsla