ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि अब तुम बस खामोशी को समझना सीख लो कियू की कुछ बातें ऐसी भी होती हैं,जिसको मुंह से कहना जरूरी नहीं होता है जिन बातों को बिना बोले खामोशी में भी समझ लिया जाता है में तुम्हारे लिए मेरे जो जज़्बात है उनको में केसे सरेआम कहूं अब तो खामोशी में भी मेरे दिल तुम्हारे ही सोचता है अब बस तुम खामोशी को समझ ना सीख लो मेरे दिल की जज्बातों को अपने आप समझ जाओगे... जब से तुम मुझे छोड़ के गए हो किसी सूखे मैदान सा हो गया हूं में अब तो तुम्हारी चाहत में खूब बदनाम हो गया हूं में by Sai Prasad Mahapatra, Mechanical Engineer ख़ामोश