एक बार और उलझना है तुमसे शायद गलत हो कहना, कि लौट आओ,फिर से एक बार क्योंकि तुमसे ,बहुत कुछ है कहना कि,जो भी थी उलझने हम दोनो में शायद अब सुलझ गई हो ! ये बात अब तुम भी समझ गई हो हाँ जनता हूँ "मैं" अब,तुम कहि और उलझ गई हो पहले तो बदली थी लेकिन अब और बदल गई हो लेकिन तुमसे बिछड़ कर,मैं सुलझ गया हूँ हाँ सच कहूँ तो, संभल गया हूँ फिर भी , " एक बार और उलझना है तुमसे" क्योंकि अभी बहुत कुछ समझना है तुमसे । शायद गलत हो कहना, कि लौट आओ,फिर से एक बार क्योंकि तुमसे है ,बहुत कुछ कहना कि,जो भी थी उलझने हम दोनो में शायद अब सुलझ गई हो ! ये बात अब तुम भी समझ गई हो हाँ जनता हूँ "मैं"