विश्व मानव समाज को अगर एकता के सूत्र में बाँधना है तो ग्रंथों के वास्तविक महत्व को समझना आवश्यक है, क्योंकि हर ग्रंथ में आध्यात्मिक पक्ष और उस काल की सामाजिक व्यवस्था, रीति-रिवाज व आडम्बरों को भी वर्णित किया है और हम सामाजिक व्यवस्था, रीति-रिवाज व आडम्बरों को ही महत्वपूर्ण समझते हैं। अगर प्रत्येक धर्म के आध्यात्मिक पक्ष को आगे रखा जाये तो सभी धर्म एक ही बिन्दु पर खड़े हो जाते हैं :- बस एक धर्म "मानव धर्म" बस एक ही उद्देश्य "आत्मा से परमात्मा की प्राप्ति" जो ये बात समझ जाता है, उसके हृदय से ही सरहदें मिट जाती हैं। 🙏🍁जय श्री कृष्णा🍁🙏 अक्षय कुमार शास्त्री विश्व मानव समाज को अगर एकता के सूत्र में बाँधना है तो ग्रंथों के वास्तविक महत्व को समझना आवश्यक है, क्योंकि हर ग्रंथ में आध्यात्मिक पक्ष और उस काल की सामाजिक व्यवस्था, रीति-रिवाज व आडम्बरों को भी वर्णित किया है और हम सामाजिक व्यवस्था, रीति-रिवाज व आडम्बरों को ही महत्वपूर्ण समझते हैं। अगर प्रत्येक धर्म के आध्यात्मिक पक्ष को आगे रखा जाये तो सभी धर्म एक ही बिन्दु पर खड़े हो जाते हैं :- बस एक धर्म "मानव धर्म" बस एक ही उद्देश्य "आत्मा से परमात्मा की प्राप्ति"