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Natural person

😊राधे राधे😊

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Natural person

फिर निराश जीवन पर  प्रेम की बारिस हो रही है,
पुराने एहसास मिट गये, कुछ मिटा दिये गये, 
नये पौधों सी रिश्तों की वृद्धि हो रही है।

वक्त बदला हम बदले जमाने के मौसम को समझा हमने,
पुराने हालातों को, नये हालातों को मिटा दिया हमने,
 फिर  रेगिस्तान से दिल में, हरे भरे खुशहाल खेतों सी फसल हो रही है।

कोशिश रंग ले आई है हमारी, 
स्नेह की नींव से प्यार के नये मकान बनाने की तैयारी हो रही है।
😊राधे राधे😊

,,,,,,,,,अक्षय कुमार शास्त्री,,,,,,,, फिर निराश जीवन पर  प्रेम की बारिस हो रही है,
पुराने एहसास मिट गये, कुछ मिटा दिये गये, 
नये पौधों सी रिश्तों की वृद्धि हो रही है।

वक्त बदला हम बदले जमाने के मौसम को समझा हमने,
पुराने हालातों को, नये हालातों को मिटा दिया हमने,
 फिर  रेगिस्तान से दिल में, हरे भरे खुशहाल खेतों सी फसल हो रही है।

फिर निराश जीवन पर प्रेम की बारिस हो रही है, पुराने एहसास मिट गये, कुछ मिटा दिये गये, नये पौधों सी रिश्तों की वृद्धि हो रही है। वक्त बदला हम बदले जमाने के मौसम को समझा हमने, पुराने हालातों को, नये हालातों को मिटा दिया हमने, फिर रेगिस्तान से दिल में, हरे भरे खुशहाल खेतों सी फसल हो रही है।

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Natural person

रुकना तो कभी हमने अपने लिए भी नहीं सीखा,
फिर उनके लिए कैसे रुक जाते जिन्होंने हमें कभी चाहा भी नहीं।
बस एक झूठ बोलकर धोखे में रंग दिया।
🌿🍃राधे राधे🍃🌿





                                      ॰॰॰॰॰॰अक्षय कुमार शास्त्री रुकना तो कभी हमने अपने लिए भी नहीं सीखा,
फिर उनके लिए कैसे रुक जाते जिन्होंने हमें कभी चाहा भी नहीं।
बस एक झूठ बोलकर धोखे में रंग दिया।
#विचार #शायरी

रुकना तो कभी हमने अपने लिए भी नहीं सीखा, फिर उनके लिए कैसे रुक जाते जिन्होंने हमें कभी चाहा भी नहीं। बस एक झूठ बोलकर धोखे में रंग दिया। विचार शायरी

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Natural person

प्रेम में न छल होता है, न कपट होता है,
जहाँ छल-कपट होता हैं वहाँ प्रेम ही नहीं होता है,
प्रेम निष्कपट, निर्छल, निःस्वार्थ, मक्कारियों से परे होता है,
प्रेम तो वो भाव है जो आत्मा से उद्दीप्त होकर 
मन, कर्म, वचन को भी निर्मल करता है।
🙏😊जय श्री कृष्णा😊🙏

🌿अक्षय कुमार शास्त्री🌿 प्रेम में न छल होता है, न कपट होता है,
जहाँ छल-कपट होता हैं वहाँ प्रेम ही नहीं होता है,
प्रेम निष्कपट, निर्छल, निःस्वार्थ, मक्कारियों से परे होता है,
प्रेम तो भाव ही वो है जो आत्मा से उद्दीप्त होकर 
मन, कर्म, वचन को भी निर्मल करता है।
🙏😊जय श्री कृष्णा😊🙏

°°°°°°°°°अक्षय कुमार शास्त्री

प्रेम में न छल होता है, न कपट होता है, जहाँ छल-कपट होता हैं वहाँ प्रेम ही नहीं होता है, प्रेम निष्कपट, निर्छल, निःस्वार्थ, मक्कारियों से परे होता है, प्रेम तो भाव ही वो है जो आत्मा से उद्दीप्त होकर मन, कर्म, वचन को भी निर्मल करता है। 🙏😊जय श्री कृष्णा😊🙏 °°°°°°°°°अक्षय कुमार शास्त्री

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Natural person

कुछ इस कदर हावी रहती हैं बुराईयाँ इंसान पर,
दिल का कपट और आँखों का छल लहजों से भी टपकता है।
यूं तो सच बोलती हैं आँखे मगर,
 उन पर भी झूठ का सुरमा बेहिसाब चमकता है।
मक्कारियों से भरे  दिमाग से भावनाओं का खून होता है,
देखिये जनाब इस दुनियाँ में कैसे मासूमियत का शिकार होता है।
इंसानियत मार दी जाती है महत्वाकांक्षाओं से चपेट कर,
बुराई का कैसे राज हो जाता है अच्छाई पर।
बुराई का लावा जब किसी के व्यक्तित्व पर बिखरता है,
इंसान सूरत से लेके सीरत तक बिगडंता है।
इन सच झूट की लड़ाईयों में सच ही विलखता है,
ये बात और है बहुत कुछ खो देने के बाद सच ही निखरता है।
बेखौफ सा हो जाता है जमाना बुराई के जाल में,
मगर सच तो यहीं है अच्छाई का सूरज और सच्चाई का चाँद चहू और से निकलता है।
keertiraj kewat कुछ इस कदर हावी रहती हैं बुराईयाँ इंसान पर,
दिल का कपट और आँखों का छल लहजों से भी टपकता है।
यूं तो सच बोलती हैं आँखे मगर,
 उन पर भी झूठ का सुरमा बेहिसाब चमकता है।
मक्कारियों से भरे  दिमाग से भावनाओं का खून होता है,
देखिये जनाब इस दुनियाँ में कैसे मासूमियत का शिकार होता है।
इंसानियत मार दी जाती है महत्वाकांक्षाओं से चपेट कर,
बुराई का कैसे राज हो जाता है अच्छाई पर।

कुछ इस कदर हावी रहती हैं बुराईयाँ इंसान पर, दिल का कपट और आँखों का छल लहजों से भी टपकता है। यूं तो सच बोलती हैं आँखे मगर, उन पर भी झूठ का सुरमा बेहिसाब चमकता है। मक्कारियों से भरे दिमाग से भावनाओं का खून होता है, देखिये जनाब इस दुनियाँ में कैसे मासूमियत का शिकार होता है। इंसानियत मार दी जाती है महत्वाकांक्षाओं से चपेट कर, बुराई का कैसे राज हो जाता है अच्छाई पर। #shayri #kavita

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Natural person

1- आप जो आयेगे मेरी जिंदगी में,
 गहरी सी खामोशी ही पायेगी। 
मेरे दिल में धोके की चोट के शिवा कुछ भी नहीं।
2- आप जो लिखना चाहती हैं मेरी जिन्‍दगी की किताब को,
 गहरी सी कालिक ही पायेगी।
मेरी कहानी में धोके से जले पन्नों के सिवा कुछ भी नहीं।
3- आप जो समझती हैं कि मैं अच्छा हूं, 
तो मुझमें बुराई ही पायेगी।
मेरे मन में किसी की बुराई से मिटी अच्छाई के शिवा कुछ भी नहीं।
🙏राधे राधे🙏




                               💔akshay kumar shastri💔 1- आप जो आयेगे मेरी जिंदगी में,
 गहरी सी खामोशी ही पायेगी। 
मेरे दिल में धोके की चोट के शिवा कुछ भी नहीं।
2- आप जो लिखना चाहती हैं मेरी जिन्‍दगी की किताब को,
 गहरी सी कालिक ही पायेगी।
मेरी कहानी में धोके से जले पन्नों के सिवा कुछ भी नहीं।
3- आप जो समझती हैं कि मैं अच्छा हूं, 
तो मुझमें बुराई ही पायेगी।

1- आप जो आयेगे मेरी जिंदगी में, गहरी सी खामोशी ही पायेगी। मेरे दिल में धोके की चोट के शिवा कुछ भी नहीं। 2- आप जो लिखना चाहती हैं मेरी जिन्‍दगी की किताब को, गहरी सी कालिक ही पायेगी। मेरी कहानी में धोके से जले पन्नों के सिवा कुछ भी नहीं। 3- आप जो समझती हैं कि मैं अच्छा हूं, तो मुझमें बुराई ही पायेगी।

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Natural person

बड़े एहसान हैं किसी के मुझ पर, 
बड़ी शिद्दत से बर्बाद किया गया मुझे ब-शादिश अपना बनाकर।
जुर्म बस इतना था उसका और मेरा,
धोखा हुनर था उसका, भरोषा स्वभाव था मेरा।
🙏राधे राधे🙏


                                             @kअक्षय कुमार शास्त्री बड़े एहसान हैं किसी के मुझ पर, 
बड़ी शिद्दत से बर्बाद किया गया मुझे ब-शादिश अपना बनाकर।
जुर्म बस इतना था उसका और मेरा,
धोखा हुनर था उसका, भरोषा स्वभाव था मेरा।
🙏राधे राधे🙏


                           @kअक्षय कुमार शास्त्री Lumbini Shejul saheba jatwar Patel Gourav Kumar Kush Singh🚩 Vipul Pandey

बड़े एहसान हैं किसी के मुझ पर, बड़ी शिद्दत से बर्बाद किया गया मुझे ब-शादिश अपना बनाकर। जुर्म बस इतना था उसका और मेरा, धोखा हुनर था उसका, भरोषा स्वभाव था मेरा। 🙏राधे राधे🙏 @kअक्षय कुमार शास्त्री Lumbini Shejul saheba jatwar Patel Gourav Kumar Kush Singh🚩 Vipul Pandey #शायरी

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🌹🍀🍃🍂🍁🌹जय श्री कृष्णा😊😊🙏🙏🙏राधे राधे🙏🙏🙏🙏🙏#कविता #शायरी pooja negi# anjali jain The trending masala S P "हुड्डन" sad boy rokky

🌹🍀🍃🍂🍁🌹जय श्री कृष्णा😊😊🙏🙏🙏राधे राधे🙏🙏🙏🙏🙏#कविता #शायरी pooja negi# anjali jain The trending masala S P "हुड्डन" sad boy rokky

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Natural person

राधे राधे  मेरे दिल में, मेरे मन में तेरा ही नाम हो जाए।
तेरे दर की चौखट पर मेरा बस काम हो जाए।
   दीवाने लाख हैं तेरे मेरा भी नाम हो जाए।
          सूरत तेरी निहारू बस मेरी और शाम हो जाए।
कोई न आश हो मुझ में तेरी बस प्यास हो जाये।
   जरूरत नहीं है जीने की तेरी हर सांस हो जाये। 
           मेरी काली सी आँखों में तेरी सूरत निखर जाए।
             तेरा साया जो हो मुझ पर मेरा जीवन सवर जाए।
     😊🙏जय श्री कृष्णा🙏😊
                                        .............अक्षय कुमार शास्त्री मेरे दिल में, मेरे मन में तेरा ही नाम हो जाए।
तेरे दर की चौखट पर मेरा बस काम हो जाए।
   दीवाने लाख हैं तेरे मेरा भी नाम हो जाए।
       सूरत तेरी निहारू बस मेरी और शाम हो जाए।
कोई न आश हो मुझ में तेरी बस प्यास हो जाये।
जरूरत नहीं है जीवन की तेरी हर सांस हो जाये। 
        मेरी काली सी आँखों में तेरी सूरत निखर जाए।
        तेरा साया जो हो मुझ पर मेरा जीवन सवर जाए।

मेरे दिल में, मेरे मन में तेरा ही नाम हो जाए। तेरे दर की चौखट पर मेरा बस काम हो जाए। दीवाने लाख हैं तेरे मेरा भी नाम हो जाए। सूरत तेरी निहारू बस मेरी और शाम हो जाए। कोई न आश हो मुझ में तेरी बस प्यास हो जाये। जरूरत नहीं है जीवन की तेरी हर सांस हो जाये। मेरी काली सी आँखों में तेरी सूरत निखर जाए। तेरा साया जो हो मुझ पर मेरा जीवन सवर जाए। #कविता #शायरी #विचार

67ee310e1ab3a03007222963878bcc48

Natural person

क्या पहेली है सच्चाई की
जो कुछ नहीं, वो खुद को सब कुछ समझता है।
जो कुछ है, वो खुद को कुछ समझना नहीं चाहता।
जो सब कुछ है, वो खुद को कुछ नहीं समझता ।
🙏😊राधे राधे  😊🙏


                            



                       ............ अक्षय कुमार शास्त्री क्या पहेली है सच्चाई की
जो कुछ नहीं, वो खुद को सब कुछ समझता है।
जो कुछ है, वो खुद को कुछ समझना नहीं चाहता।
जो सब कुछ है, वो खुद को कुछ नहीं समझता ।
🙏😊राधे राधे  😊🙏

क्या पहेली है सच्चाई की जो कुछ नहीं, वो खुद को सब कुछ समझता है। जो कुछ है, वो खुद को कुछ समझना नहीं चाहता। जो सब कुछ है, वो खुद को कुछ नहीं समझता । 🙏😊राधे राधे 😊🙏

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Natural person

जीवन के किसी भी तथ्य के तीन भाग होते हैं।कोई भी तथ्य अपना साधारण से शून्य और शून्य से विपरीत प्रभाव डालता है।उदाहरणार्थ :-{1}~ संस्कृति एक अच्छे आदर्शों, आचरण, विचारों, परिवेश एवं शिक्षा का संगम है,जिसका विकास ही अच्छे समाज के निर्माण के लिए आध्यात्म, विज्ञान, मनोविज्ञान को सापेक्ष रखकर किया गया है।{2}~संस्कृति की शून्य अवस्था में हम असभ्य प्राणी मात्र हैं।{3} इसके विपरीत अगर जब संस्कृति अपना आस्तित्व ही खो देती है तो दैत्य प्रवृति हावी होकर सारी अच्छाईयों को बुराईयों में परिवर्तित कर देती हैं।संस्कृति के बिल्कुल विपरीत गुण उत्पन्न होते हैं।~~आज जो हमारे देश में विसंगति उत्पन्न हो रही हैं,उसका मूल कारण संस्कृति का नष्ट होना है,वो भी संस्कृति का केवल एक मात्र अंग नष्ट हो रहा है। वो है अच्छा परिवेश।आज हमारे पास अच्छी शिक्षा, उच्च आदर्श, उत्तम आचरण व सर्वश्रेष्ठ विचार है,किन्तु तात्कालिक परिवेश मात्र ही हमारी सारी अच्छाईयों पर हावी हो जाता है।तो मेरा मात्र युवा पीढ़ी से निवेदन है, क्योंकि अगर आपका रहन-सहन ठीक न हुआ तो आगामी पीढ़ी में और अधिक बिगड चुका होगा और आपको पता होना चाहिए कि आपके हाथ में देश का नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व का भविष्य है। नहीं तो जब विश्वगुरु ही भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम जैसे महपुरुषों द्वारा प्रदत्त की गई संस्कृति खो देगा तो फिर मानव समाज का क्या होगा।        🙏राधे राधे🙏                                     अक्षय कुमार शास्त्री(A.K.+K.K) जीवन के किसी भी तथ्य के तीन भाग होते हैं। कोई भी तथ्य अपना साधारण से शून्य और शून्य से विपरीत प्रभाव डालता है। उदाहरणार्थ :-{1}~ संस्कृति एक अच्छे आदर्शों, आचरण, विचारों, परिवेश एवं शिक्षा का संगम है, जिसका विकास ही अच्छे समाज के निर्माण के लिए आध्यात्म, विज्ञान, मनोविज्ञान को सापेक्ष रखकर किया गया है। {2}~संस्कृति की शून्य अवस्था में हम असभ्य प्राणी मात्र हैं।{3} इसके विपरीत अगर जब संस्कृति अपना आस्तित्व ही खो देती है तो दैत्य प्रवृति हावी होकर सारी अच्छाईयों को बुराईयों में परिवर्तित कर देती ह

जीवन के किसी भी तथ्य के तीन भाग होते हैं। कोई भी तथ्य अपना साधारण से शून्य और शून्य से विपरीत प्रभाव डालता है। उदाहरणार्थ :-{1}~ संस्कृति एक अच्छे आदर्शों, आचरण, विचारों, परिवेश एवं शिक्षा का संगम है, जिसका विकास ही अच्छे समाज के निर्माण के लिए आध्यात्म, विज्ञान, मनोविज्ञान को सापेक्ष रखकर किया गया है। {2}~संस्कृति की शून्य अवस्था में हम असभ्य प्राणी मात्र हैं।{3} इसके विपरीत अगर जब संस्कृति अपना आस्तित्व ही खो देती है तो दैत्य प्रवृति हावी होकर सारी अच्छाईयों को बुराईयों में परिवर्तित कर देती ह

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