Nojoto: Largest Storytelling Platform

थक सा गया जिंदगी से,चलते चलते रुकती सांसें। गम के

थक सा गया जिंदगी से,चलते चलते रुकती सांसें।
गम के मेलें में खुशियों को,रोते रोते तकती आँखें।
सुनने वाला कोई नहीं,अब खुद से ही करता बातें।
नजर आ चुकी है मंजिल,अब उखड़ रही है सांसें।
JP lodhi 19May2023

©J P Lodhi.
  #सांसें