इश्क़ का एहसास मुझे बहुत ख़ास सा लगता है। दूर बसा है मुझसे प्रीतम इतना पास सा लगता है।। बेचैनी सी होती मुझको जब भी याद सताती है, ले आता है जीवन मुझमें हर एक सांस सा लगता है।। जब से बांधी प्रीत की डोरी तुमसे ऐ दिलदार मेरे, घोर निराशा के इन क्षण में मुझे आस सा लगता है।। बिन बोले सब सुन लेते हो अंतर्मन की आवाज़ें, मेरे जिस्म में हमदम मेरे तेरा वास सा लगता है।। कभी बिछड़ना नहीं तू मुझसे साथी आज ये वादा कर, तेरे बिना ये "हृदय" बेचारा एक लाश सा लगता है।। ©Chanchal Hriday Pathak #dodil #तुम्हारेसाथ #तुम्हारे_बिन