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थोडे रँग का अन्तर है, थोडी भाषा मे भेद भाऊ कुछ लोग

थोडे रँग का अन्तर है,
थोडी भाषा मे भेद भाऊ
कुछ लोगो से दुरी है,
कुछ लोगो से मन मुटाऊ,
सब लालच मे डूबे है,
सब की आत्मा पे है घाऊ,
यहा पे सब एक समान,
फ़ीर क्यो इतना भेद भाऊ,
सब मानव को मरना है,
फ़ीर किस बात पे सब को लड़ना है,
क्या सब मिल के रेह नही सकते,
सब का सम्मान सब कर नही सकते?
"करना नही किसी का अपमान,
भले ही मुझे ना मिले सम्मान"
आकाश Rajput #twilight थोडे रँग का #अन्तर है,
थोडी #भाषा मे भेद भाऊ
कुछ लोगो से दुरी है,
कुछ लोगो से मन मुटाऊ,
सब लालच मे डूबे है,
सब की #आत्मा पे है घाऊ,
यहा पे सब एक समान,
फ़ीर क्यो इतना भेद भाऊ,
थोडे रँग का अन्तर है,
थोडी भाषा मे भेद भाऊ
कुछ लोगो से दुरी है,
कुछ लोगो से मन मुटाऊ,
सब लालच मे डूबे है,
सब की आत्मा पे है घाऊ,
यहा पे सब एक समान,
फ़ीर क्यो इतना भेद भाऊ,
सब मानव को मरना है,
फ़ीर किस बात पे सब को लड़ना है,
क्या सब मिल के रेह नही सकते,
सब का सम्मान सब कर नही सकते?
"करना नही किसी का अपमान,
भले ही मुझे ना मिले सम्मान"
आकाश Rajput #twilight थोडे रँग का #अन्तर है,
थोडी #भाषा मे भेद भाऊ
कुछ लोगो से दुरी है,
कुछ लोगो से मन मुटाऊ,
सब लालच मे डूबे है,
सब की #आत्मा पे है घाऊ,
यहा पे सब एक समान,
फ़ीर क्यो इतना भेद भाऊ,

#twilight थोडे रँग का #अन्तर है, थोडी #भाषा मे भेद भाऊ कुछ लोगो से दुरी है, कुछ लोगो से मन मुटाऊ, सब लालच मे डूबे है, सब की #आत्मा पे है घाऊ, यहा पे सब एक समान, फ़ीर क्यो इतना भेद भाऊ, #कविता #सम्मान #अपमान #लड़ना #आकाश_Rajput