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जिसकी पहली छुअन अब तक हाथों से छूटी नहीं नहीं बर्

जिसकी पहली छुअन अब तक हाथों से छूटी नहीं 
नहीं बर्फ़ हुए अब तक जिसके साथ बिताए सावन भी 

हाय कैसे भुला दूं उसको 
कहो यारों कैसे भुलाऊं भला ? 

जिसकी तस्वीरें फाड़ देने पर ख़ुद ब ख़ुद जुड़ जाया करती हैं रातों में 
जिसकी सासें अब तक महकती हैं तकिए पर 

हाय कैसे भुला दूं उसको यारों 
कहो कैसे भुलाऊं भला ? 

वो जो कहता था ..
उसकी दी बालियां ही सजती हैं मुझपर 

वो बुलाता जब ' हूर ' मुझे
तो रश्क होता था खु़द पर 

आज वो दूर जा बैठा है 
मेरी हस्ती भुला कर 

उफ़! क्या सितम है ये भी 
मैं  सिंगारदान में 
आज भी 
बस उसी की 
बालियां 
सहेजे बैठी हूं !

©Meenakshi 
  #BanjaaranSoul ' उसकी दी बालियां '
meenakshi5694

Meenakshi

Bronze Star
Growing Creator

#BanjaaranSoul ' उसकी दी बालियां ' #शायरी

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